7 घण्टे पूर्व काव्य मंजूषा... पर 'अदा'
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मंजूषा अदा की यह रचना एक अद्भुत रचना है . इसकी बुनावट इतनी बेहतरीन है कि कोई कितना ही माथा खपाले, कुछ समझ नहीं आएगा
ये इतनी अनुपम कविता है कि स्वयं सरस्वती माँ भी इसे गाना चाहे तो कई जगह अटक जाएँगी.........
इस सुकोमल रचना में कवयित्री जी ने जान बूझ कर कुछ त्रुटियाँ रख छोड़ी हैं ताकि किसी की नज़र न लगे
ये इतनी अनुपम कविता है कि स्वयं सरस्वती माँ भी इसे गाना चाहे तो कई जगह अटक जाएँगी.........
इस सुकोमल रचना में कवयित्री जी ने जान बूझ कर कुछ त्रुटियाँ रख छोड़ी हैं ताकि किसी की नज़र न लगे
8 घण्टे पूर्व Albelakhatri.com... पर AlbelaKhatri.com
स्कूल द्वारा बच्चों की फ़ीस बढ़ोत्तरी को लेकर कवि अलबेला खत्री ने जिस प्रकार बारीकी से अपनी बात कही है वह प्रभावित करती है, लेकिन अलबेला जी ये क्यों भूल जाते हैं कि 100 -200 रूपये का मतलब सबके लिए 100 -200 रूपये नहीं होता, किसी के लिए 100 का नोट अठन्नी जैसा होता है और किसी किसी के लिए हज़ार रूपये के नोट जैसा, क्योंकि सबके अपने अपने आर्थिक हालात हैं .
बहरहाल एक निहायत सार्थक आलेख लिखा............उन्हें कभी कभी ऐसा भी लिखना चाहिए .
19 घण्टे पूर्व नारी , NAARI... पर डॉ मंजुलता सिंह
अदम्य साहसी और देशभक्त नारी रानी दुर्गावती का स्मरण कराता अत्यंत सुन्दर आलेख नारी पर डॉ मंजुलता ने लिखा ..पढ़ कर इससे प्रेरणा लेनी चाहिए.
बहुत ही उत्तम कार्य किया है लेखिका ने..खासकर अपनी हस्तलिपि में ही प्रकाशित करके ज्यादा सुन्दर प्रस्तुति की है
बहुत ही उत्तम कार्य किया है लेखिका ने..खासकर अपनी हस्तलिपि में ही प्रकाशित करके ज्यादा सुन्दर प्रस्तुति की है

ब्लॉगर स्टेट्स - भारी भरकम स्टेटकाउंटर को कहें गुडबॉय!
अब, सब कुछ आपके अपने ब्लॉगर के भीतर ही उपलब्ध है. डैशबोर्ड में जाएँ, अपने ब्लॉग के स्टेट्स पर क्लिक करें और देखें सारी जानकारी. सेवा चूंकि अभी ही चालू हुई है, अत: मासिक, साप्ताहिक या वार्षिक आंकड़ों के लिए आपको इंतजार करना होगा, मगर आंकड़े हैं चुस्त दुरूस्त.
रचनाकार के आंकड़े देखें - पिछले दिन एक हजार सात सौ (1700) से ऊपर पेज लोड्स. कंटेंट इज किंग!! गो क्रिएट कंटेंट मैन! एंड एंजॉय योर स्टैट्स!!
छींटे और बौछारें पर रवि रतलामी जी ने कमाल की जानकारी दी है .इससे सभी ब्लोगर लाभ ले सकते हैं
समयाभाव और नयी नयी होने के कारण आज इतना ही...........कल फिर मिलेंगे..........बाय
समयाभाव और नयी नयी होने के कारण आज इतना ही...........कल फिर मिलेंगे..........बाय
अच्छा संकलन.
ReplyDeleteपहली बार ऐसा कुछ देखा है.
ReplyDeleteअनोखा लगा.
आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा। चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है। हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।
ReplyDeleteइंटरनेट के जरिए अतिरिक्त आमदनी की इच्छा हो तो यहां पधारें -
http://gharkibaaten.blogspot.com
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
pyaare, har kalee ko dekhaa. husn jisaka bhi hai niraalaa hai.Dhanyvaad
ReplyDeleteइस चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete